मुस्लिम भाई वोटर हैं, और वो हमारे हैं...
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इकॉनमिक टाइम्स को दिए गए इंटरव्यू में सिर्फ और सिर्फ इस बात पर फोकस किया कि मुस्लिम वोटर बीएसपी के साथ हैं। उन्होंने इसके लिए बाकायदा दलील भी दी..कि सपा तो अपने अंदरूनी झगड़े में खत्म हो चुकी है, ऐसे में बीजेपी को हराने में सिर्फ बीएसपी ही सक्षम है...और यही मानकर मुस्लिम यूपी विधानसभा चुनाव में हाथी पर बटन दबाएंगे। समाजवादी पार्टी अपने सेक्युलर चेहरे और प्रो-माइनॉरिटी छवि के बूते मुस्लिम वोटों को सहेजने की जुगत में है। नवभारत टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि फिलहाल यूपी के मुस्लिम वोटर थोड़ा कन्फ्यूज हैं कि वो किस तरफ जाएं, इसी कन्फ्यूजन के बीच गैर बीजेपी दल उनको अपनी ओर खींचने में जुटे हैं। मायावती ने तो अपने इंटरव्यू में इन दिनों मुस्लिमों से जुड़े सबसे हॉट टॉपिक तीन तलाक को भी टच किया। उन्होंने कहा कि अपने शासन काल में मैंने किसी नई परंपरा की नींव नहीं पड़ने दी। बीजेपी का तो स्टैंड साफ है कि उसे मुस्लिम वोट नहीं मिलना है-बाकी बचे सपा, बीएसपी और कांग्रेस। कांग्रेस के साथ दिक्कत यह है कि इसने भी इस बीच थोड़ा सॉफ्ट हिंदुत्व रुख अख्तियार किया है। हाल ही में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का कई मंदिरों में सार्वजनिक कार्यक्रम के तहत जाना शायद इसी रणनीति का हिस्सा है। सपा टूटती दिख रही है, अब बीएसपी सेकंड प्रायॉरिटी है। मुस्लिम वोटर किधर जाएंगे, इसका फैसला रणनीतिक होगा।
-आइए देखते हैं यूपी में मुस्लिम वोटरों की क्या हिस्सेदारी है-
-आइए देखते हैं यूपी में मुस्लिम वोटरों की क्या हिस्सेदारी है-
-19 फीसदी है यूपी में मुस्लिम वोटरों की तादाद -तकरीबन हर सीट पर हैं मुस्लिम
वोटर्स -यूपी की 403 विधानसभा सीटों में तकरीबन 150 सीटों पर मुस्लिम वोट निर्णायक


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