यूपी में सात चरण में मतदान
पांच राज्यों का विधानसभा चुनाव कार्यक्रम घोषित, 10 मार्च को होगी मतगणना

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट के बढ़ते प्रसार के बीच ही चुनाव आयोग ने समय से चुनाव कराने की दिशा में तिथियों की घोषणा तो कर दी हैं, लेकिन पूरी सतर्कता और हिदायत के साथ। घोषणा के साथ ही चुनावी राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में हर दल की सभाओं व रैलियों पर रोक लग गई है। 15 जनवरी को आयोग फिर से तय करेगा कि चुनाव प्रचार का तौर तरीका क्या होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने घोषणा करते हुए कहा कि पहले चरण के मतदान की शुरुआत 10 फरवरी से होगी और सात मार्च को आखिरी यानी सातवें चरण में वोट पड़ेंगे। सभी राज्यों के परिणाम 10 मार्च को आएंगे। उत्तर प्रदेश में सात, मणिपुर में दो और पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक चरण में मतदान होगा।कुछ दिन पहले ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने संकेत दिए थे कि चुनाव समय से होंगे और सभी दल यही चाहते हैं। शनिवार को घोषणा करते हुए उन्होंने कोरोना संकट के बीच चुनाव कराने को चुनौतीपूर्ण तो माना, लेकिन कहा कि संविधान के तहत इन राज्यों के चुनाव को टाला नहीं जा सकता है। कोरोना गाइडलाइन और सतर्कता के बीच इन चुनावों को कराने का फैसला लिया गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव की घोषणा से पहले किन-किन चीजों को ध्यान में रखा गया है, खासकर चुनावी राज्यों में संक्रमण दर क्या है। इसके साथ ही चुनावी राज्यों की वैक्सीनेशन दर को ध्यान में रखा गया है। राज्यों से इसे तेज करने के लिए भी कहा गया था। यही वजह है कि चुनावी राज्यों में मौजूदा समय में वैक्सीनेशन की दर संतोषजनक है। गोवा में 95 प्रतिशत लोग वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं, जबकि उत्तराखंड में 99 प्रतिशत से ज्यादा लोग वैक्सीन की पहली डोज और 83 प्रतिशत लोग दोनों डोज ले चुके हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश में भी 90 प्रतिशत लोग वैक्सीन की पहली डोज ले चुके हैं, जबकि 52 प्रतिशत लोग दोनों डोज ले चुके हैं। पंजाब में 82 प्रतिशत लोग वैक्सीन की पहली डोज ले चुके है, जबकि 46 प्रतिशत ने दूसरी डोज भी ले ली है। मणिपुर में भी 57 प्रतिशत लोग वैक्सीन की पहली और 43 प्रतिशत दूसरी डोज भी ले चुके हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ इस मौके पर सहयोगी चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडेय भी मौजूद थे।कोरोना संकटकाल में चुनाव कराने से जुड़े एक सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनावों के दौरान सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है। यही वजह है कि 80 साल या उससे ज्यादा उम्र के मतदाताओं, विकलांग व कोरोना से पीड़ित मतदाताओं को घर बैठे ही पोस्टल बैलेट के जरिये मतदान का विकल्प दिया गया है। इसके साथ ही चुनाव के समय में एक घंटे की बढ़ोतरी की गई है। लोगों शारीरिक दूरी की ध्यान रखते हुए मतदान कर सकेंगे। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रलय की ओर से जारी कोरोना प्रोटोकाल का भी कड़ाई से सभी मतदान केंद्रों पर पालन किया जाएगा। लोगों को भीड़भाड़ से बचाने के लिए सभी राज्यों में मतदान केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई गई है। साथ ही कोरोना के संक्रमण पर विशेषज्ञों के साथ संपर्क में है। चंद्रा ने कहा कि आगे की स्थितियों को देखते हुए जो भी कड़े निर्णय लेने होंगे वे लिए जाएंगे। वर्ष 2017 में इन पांच राज्यों के चुनाव की घोषणा उस साल चार जनवरी को की गई थी।

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