रविवार, 30 जनवरी 2022

आला हजरत परिवार की बहू रहीं निदा भाजपा में शामिल

लखनऊ में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने निदा को सदस्यता दिलाई। निदा का निकाह वर्ष 2015 में दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां के छोटे भाई तस्लीम रजा के बेटे शीरान रजा से हुआ था। कुछ समय बाद ही दोनों में अलगाव हो गया। निदा  मुस्लिम रूढ़ियों के विरुद्ध बोलती रही हैं। तीन तलाक पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए आला हजरत फाउंडेशन बनाई।

 

गुरुवार, 27 जनवरी 2022


 आशुतोष टंडन जी के आवास पर गुरुवार को क्या खिचड़ी पकी?

सीट मांगने तो नहीं गए थे

कह रहे कि नहीं

पुराने दोस्त हैं, फोन करके बुलाए थे इसलिए चले गए तहरी भोज में...

मने चुनाव नहीं लड़ेंगे हमारे डिप्टी साहब?

शनिवार, 22 जनवरी 2022

 चुनावी हलचलः शार्ट नोट

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यूपी में का बा..
चुनाव बा। रैली कै छून नाहीं बा...मुला मुबाइल, इंटरनेट पे खुमारी छाई बा
भाजपा ने अपना कैंपेन बनाया कि यूपी में ई बा... तो उसके बाद अखिलेश के समर्थन में भोजपुरी गायिका नेहा सिंह राठौर ने जवाबी गीत पेश किया।
नेहा के साथ अखिलेश ने भी सुर मिलाया- ट्वीट किया


जनता कहे इंक़लाब बा यूपी में बदलाव बा… ठाठा बाबा का अबके बंटाधार बा… डबल इंजन के फुस्स सरकार बा आपस मा सर फुटव्वल जूतम पैजार बा… अबके झूठ के फूलवा का बगीचा उजाड़ बा… बाइस में बाइसिकल का चौचक भौकाल बा…

बुधवार, 19 जनवरी 2022

 यूपी में भाजपा ने उतारे ये सितारे


मेनका, वरुण, टेनी जैसे कई दिग्गज स्टार प्रचारकों की सूची से गायब


लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपित के पिता केंद्रीय मंत्री टेनी, सरकार के निर्णयों पर सवाल उठाते रहे वरुण गांधी, उनकी मां मेनका गांधी को स्टार प्रचारकों की सूची में जगह नहीं मिल सकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह,  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अलावा कई और हस्तियां प्रचार करेंगी-
  • - प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह
  • - प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान
  • - प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह
  • - केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी
  • - केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी
  • - उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य
  • - उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा
  • - केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह
  • - केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा
  • - केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल
  • - केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति
  • - मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी
  • - सांसद संजीव बालियान
  • - सांसद हेमा मालिनी
  • - सांसद राजवीर सिंह
  • - सांसद कांता कर्दम
  • - मंत्री अशोक कटारिया
  • - जसवंत सैनी
  • - सुरेंद्र नागर
  • - रजनीकांत माहेश्वरी
  • - मोहित बेनीवाल
  • - धर्मेंद्र कश्यप
  • - जेपीएस राठौर
  • - भोला सिंह खटीक

मुझे तो यह कैंपेन बहुत जंचा। आपको....
 


 भाजपा  के साथ 'बहू' मत


सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव ने भगवा ध्वज उठा लिया। वह भाजपा में शामिल हो गईं। सियासी हलके में यह खबर खूब चर्चा में है। हो भी क्यों ना? इस चुनाव में भाजपा की निकटम प्रतिद्वंद्वी बनकर खड़ी सपा के सर्वेसर्वा के परिवार की बहू जो धुर विरोधी पार्टी में चली गई। अखिलेश कहते हैं-नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने उनको समझाने की बड़ी कोशिश की, पर वह नहीं मानीं।

आइए जानते हैं अपर्णा यादव के बारे में

मुलायम की बहू कैसे हुईं?
मुलायम सिंह यादव के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं। प्रतीक यादव मुलायम की दूसरी पत्नी साधना के बेटे हैं। 
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अपर्णा यादव के पिता पत्रकार और सूचना आयुक्त रहे  अरविंद सिंह बिष्ट और मां अंबी बिष्ट नगर निगम लखनऊ में अधिकारी हैं।
राजनेता के अलावा अपर्णा सामाजिक कार्यों में भी बहुत रुचि रखतीं हैं।

संगीत, कला, पशुप्रेमी

  • शास्त्रीय संगीत में खासा दखल रखतीं हैं।
  • लखनऊ के सीएमएस से शुरुआती पढ़ाई की और इंग्लैंड की मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशन में पोस्ट ग्रेजुएट हैं।
  • -अपर्णा यादव पशुप्रेमी भी हैं। वे ‘बी अवेयर’ नाम से एक गैर सरकारी संगठन भी चलातीं हैं। कान्हा गोशाला भी उनकी ही है।
  • - मोदी और योगी की प्रशंसक हैं। अयोध्या में श्रीराम मंदिर के लिए 11 लाख 11 हजार रुपये का चंदा भी दिया।

 चुनावी हलचलः शार्टनोट

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आजमगढ़ से नहीं, मैनपुरी से लड़ेंगे टोपी मैन

पहले खबर आई कि सपा मुखिया अखिलेश यादव आजमगढ़ की गोपालपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे।
शाम तक खबर आई कि नहीं। वह मैनपुरी से लड़ सकते हैं।

  • लाल टोपी धारण करने वाले टोपी मैन ने कहा कि पार्टी जहां से कहेगी वहां से चुनाव लड़ूंगा पर योगी जी से पहले चुनाव लड़ूंगा।
  • योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से चुनाव लड़ रहे हैं और उनका चुनाव छठे चरण में है जबकि गोपालपुर का चुनाव सातवें चरण में है।  
  • उनके बयान से साफ है कि वे विधान सभा चुनाव लडऩे के लिए ऐसी सीट चुन रहे हैं जहां छठे चरण से पहले मतदान होना है।
  • मैनपुरी में तीसरे चरण में मतदान है।
  • यह सीट सपा का गढ़ मानी जाती है।
  • अखिलेश के लिए सेफ सीट है। उनके पिता मुलायम सिंह यादव यहीं से सांसद हैं। 
  • 2017 के विधान सभा चुनाव में भाजपा लहर में भी सपा इस सीट पर जीती थी।

मंगलवार, 18 जनवरी 2022

 चुनावी हलचल


मां, मां होती है- बेटे के लिए सांसदी छोड़ने को तैयार

  • इलाहाबाद से सांसद रीता बहुगुणा ने की इस्तीफे की पेशकश
  • अपने बेटे मयंक जोशी के लिए विधानसभा चुनाव में लखनऊ कैंट सीट से टिकट मांग रहीं हैं।
  • मंगलवार को उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र भी लिखा।
  • कहा कि एक परिवार एक टिकट की नीति बेटे को विधानसभा टिकट देने में आड़े आ रही हो तो वह सांसद पद से त्यागपत्र देने को तैयार हैं। 
  • डा.रीता जोशी उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की बहन हैं।
  • उनकी इच्छा है कि बेटे को टिकट दिया जाए। क्योंकि वह 2009 से लखनऊ कैंट क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। जैसे सभी लोग टिकट मांग रहे हैं, मयंक भी टिकट के इच्छुक हैं। 

सोमवार, 17 जनवरी 2022

 चुनावी हलचलः शार्टनोट

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सहारनपुर दंगे के मुख्य आरोपी मोहर्रम अली को सपा ने पहनाई लाल टोपी
साल 2014 में गुरुद्वारे की भूमि को लेकर हुए दंगे के मुख्य आरोपी हैं मोहर्रम अली।
विधायक संजय गर्ग ने मोहर्रम को 12 जनवरी को सपा की सदस्यता ग्रहण कराई है।
यह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल है।
फोटो में प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल लखनऊ में मोहर्रम को लाल टोपी पहना रहे हैं।
फोटो में सहारनपुर से सपा विधायक संजय गर्ग पास में खड़े हैं।
यह पहली फोटो नहीं है जो मोहर्रम की सपा में पैठ दिखाती हो। दंगे के समय भी मोहर्रम सपा के पूर्व मंत्री संजय गर्ग के साथ लखनऊ में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनके सरकारी आवास पर मिले थे और फोटो वायरल हुई थी। उस समय अखिलेश यादव ने कहा था कि वह मोहर्रम अली को जानते तक नहीं।



नहीं आया सपा से बुलावा, दूसरे दल से गठबंधन की सोच रहे चंद्रशेखर
बैठे रहे कि गठजोड़ के लिए बुलावा आएगा, लेकिन सब बेकार।  समाजवादी पार्टी और आजाद समाज पार्टी (आसपा) के बीच गठबंधन की उम्मीदें ध्वस्त। आसपा प्रमुख चंद्रशेखर की ओर से सपा को सोमवार दोपहर तक वार्ता के लिए दिए गए समय में भी सपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। झेंप मिटाने के लिए चंद्रशेखर मीडिया को बयान देते हैं कि 
भाजपा को रोकने के लिए सभी विपक्षी दल एक हों। 
बकौल, चंद्रशेखर छह माह पहले उनकी अखिलेश यादव से मुलाकात हुई थी। उन्होंने 25 सीटों का प्रस्ताव दिया था। सीटों को लेकर कई बार बातचीत हुई। सपा के बुलावे पर वह गए लेकिन बात नहीं बन सकी। जब हर दल अपनी हिस्सेदारी के साथ गठबंधन से जुड़ा है तो वह कैसे अपने सम्मान से समझौता करें।

रविवार, 16 जनवरी 2022

टिकट नहीं मिला तो सपा कार्यालय के बाहर आग लगाने वाला था खुद को, पुलिसकर्मियों ने बचाया

अलीगढ़ के ठाकुर आदित्य अपने समर्थकों के साथ सपा कार्यालय आए थे। टिकट न मिलने से इतने नाराज हुए कि अचानक से अपने ऊपर पेट्रोल उड़ेलकर आग लगाने की कोशिश की। यह देख पुलिसकर्मियों ने आदित्य को पकड़ लिया। आदित्य ने पार्टी के शीर्ष नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए। कहा कि पांच साल से अलीगढ़ क्षेत्र में वह पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। बावजूद इसके उन्हें टिकट नहीं दिया गया। आरोप है कि आदित्य ने टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन उनकी जगह किसी और को टिकट दे दिया गया। अब इस बारे में कोई भी पदाधिकारी जवाब नहीं दे रहा है। आदित्य ने कहा कि उन्हें आत्मदाह करने से कोई नहीं रोक सकता। वह 10 बोतल पेट्रोल लेकर आए हैं। आदित्य की इस हरकत से सपा कार्यालय के बाहर अफरातफरी मच गई। हालांकि हंगामे के बावजूद सपा कार्यालय से कोई नेता या पदाधिकारी बाहर नहीं आया।

 


अखिलेश ने कहा, सरकार बनी तो तीन माह में कराएंगे जातीय जनगणना

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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि समाजवादी सरकार बनते ही तीन महीने में जातिगत जनगणना करवाएंगे। जिसकी जितनी संख्या होगी उसकी उतनी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने यह भी साफ किया कि अब भाजपा सहित दूसरे दलों के किसी भी नेता को शामिल नहीं कराएंगे। उन्होंने कहा कि अब हम लोग चुनाव मैदान में चले गए हैं, भाजपा को हराने की खातिर छोटे-छोटे दलों से समझौता करने के लिए अभी तक हम लोगों ने बहुत त्याग किया है और कर रहे हैं। अब जो भी भाजपा को हराना चाहते हैं वह भी त्याग करें। यानी अब जो लोग भाजपा को हराने के लिए साथ आना चाहते हैं वह त्याग करते हुए टिकट की उम्मीद न करें।
अखिलेश ने रविवार को वन मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले दारा सिंह चौहान को उनके समर्थकों के साथ सपा में शामिल कराया। उन्होंने कहा है कि मैं दारा ङ्क्षसह चौहान का स्वागत करता हूं, उनके साथ भारी संख्या में लोग आए हैं। भाजपा के सहयोगी 'अपना दलÓ (सोनेलाल) के विधायक डा. आरके वर्मा ने भी रविवार को अपने समर्थकों के साथ सपा में शामिल हो गए।
अखिलेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली वालों ने पहले ही उनकी गोरखपुर विदाई कर दी है। इन्होंने सिर्फ नकारात्मक व समाज को तोडऩे की राजनीति की है, हम लोग सकारात्मक और विकास की राजनीति करेंगे।

शनिवार, 15 जनवरी 2022

 चुनावी हलचलः शार्टनोट

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योगी अयोध्या नहीं, गोरखपुर से चुनाव लड़ेंगे


दो दिन पहले ऐसे कयास थे कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे,  लेकिन शनिवार को जारी भाजपा प्रत्याशियों की सूची के साथ ही यह स्पष्ट हो गया कि वह तो गोरखपुर से ताल ठोकेंगे। कहा जा रहा है कि ऐसा निर्णय दो कारणों से हुआ। पहला-योगी की जड़ें गोरखपुर में हैं। गोरखपुर छोड़ने से पूर्वांचल के लोगों के नाराज होने की आशंका थी। दूसरा कारण हो सकते हैं-स्वामी प्रसाद मौर्य, जो गोरखपुर से कुछ ही दूर स्थित पडरौना से विधायक हैं। उन्होंने हाल ही में भाजपा छोड़कर सपा का दामन थाम लिया। बहरहाल जो भी हो, टिकट फाइनल होने के बाद योगी ने कहा कि पूरे प्रदेश में भाजपा प्रचंड बहुमत से जीत रही है।


गुरुवार, 13 जनवरी 2022

चुनावी हलचल शार्टनोट 
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 मंत्री धर्म सिंह सैनी ने भी छोड़ा मंत्री पद
विधायक मुकेश वर्मा, विनय शाक्य और बाला प्रसाद अवस्थी ने भी छोड़ी भाजपा - सहयोगी अपना दल (एस) के विधायक अमर सिंह ने भी पकड़ी अलग राह 
सहारनपुर के नकुड़ से विधायक डा. धर्म सिंह सैनी ने सरकार पर दलितों, पिछड़ों, किसानों, शिक्षित बेरोजगारों छोटे और मध्यम श्रेणी के व्यापारियों सहित जनप्रतिनिधियों की लगातार उपेक्षा का आरोप लगाया है। सैनी बोले कि अखिलेश यादव अच्छे नेता हैं। दलितों-पिछड़ों के मसीहा हैं। एक प्रश्न पर बोले कि भाजपा छोडऩे वाले कोयला हों या अंधकार, वह सरकार बनाने में माहिर हैं। वर्ष 2017 में भाजपा की सरकार बनवाई और अब सपा की बनवाएंगे। 

 अब तक 14 विधायक छोड़ चुके भाजपा 
स्वामी प्रसाद मौर्य - दारा सिंह - डा. धर्म सिंह सैनी - अवतार सिंह भड़ाना - माधुरी वर्मा - रोशनलाल वर्मा - भगवती प्रसाद सागर - ब्रजेश प्रजापति - राकेश राठौर - राधाकृष्ण शर्मा - दिग्विजय नारायण चतुर्वेदी उफ जय चौबे - विनय शाक्य - मुकेश वर्मा - बाला प्रसाद अवस्थी

बुधवार, 12 जनवरी 2022

सर्द चुनावी मौसम में योगी की उम्मीदवारी से आई गर्माहट

सर्दी में सर्द से पड़े चुनावी मौसम में अचानक गर्माहट आ गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या से चुनाव लड़ेंगे। औपचारिक घोषणा बाकी है, लेकिन इस फैसले से बड़ा संदेश जाएगा। दो दिन से दो मंत्रियों समेत कई नेताओं के भाजपा छोड़ने के बाद विपक्षी दलों के खेमे में जो चमक आ रही थी, योगी के चुनाव लड़ने की खबर से वह थोड़ी फीकी पडे़गी। एक योद्धा की तरह मैदान में आने का संदेश जाएगा जनता में। मायावती चुनाव नहीं लड़ेंगी, यह घोषणा पार्टी की ओर से कल ही की जा चुकी है। अखिलेश खुद पार्टी के सर्वेसर्वा होते हुए अभी तक यही कह रहे कि पार्टी जैसा निर्णय करेगी, वैसा करूंगा। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से कोई सेलिब्रिटी चेहरा अभी तक ताल ठोकता दिख नहीं रहा। योगी और अयोध्या...। अब एक दूसरे के पूरक बन चुके हैं। सत्ता संभालते ही पहले दीपोत्सव से योगी ने रामनगरी की सुधि लेनी शुरू कर दी थी। अयोध्या में उनकी हुंकार की धमक इस धर्मनगरी की 200 किमी की परिधि तक सुनाई देगी।  


 

 चुनावी हलचल का शार्टनोट

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आज कौन आया-कौन गया?
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-दारा सिंह चौहान- 

 वन एवं पर्यावरण मंत्री हैं। मऊ जिले की मधुबन सीट से विधायक
स्वामी की तरह ही दारा सिंह से मुलाकात की फोटो ट्वीट कर अखिलेश यादव ने संकेत दे दिया है कि दारा सपा में ही शामिल होंगे।

क्या आरोप लगाकर दिया इस्तीफा
सरकार पिछड़ों, वंचितों, दलितों, किसानों और बेरोजगार नौजवानों की घोर उपेक्षा कर रही।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रमुख गुर्जर नेताओं में शामिल मीरापुर से भाजपा विधायक अवतार सिंह भड़ाना भाजपा छोड़कर सपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लडऩे जा रहे राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हो गए। 
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मुलायम के समधी हरिओम भाजपा में शामिल

फिरोजाबाद की शिकोहाबाद सीट से सपा विधायक
सपा उन्हें पहले ही पार्टी से बर्खास्त कर चुकी थी। 
हरिओम के भाई रामप्रकाश उर्फ नेहरू की बेटी की शादी मुलायम सिंह के भतीजे रणवीर सिंह से हुई थी। सपा के उदय के साथ ही हरिओम जुड़े थे। वर्ष 2017 में सैफई परिवार में रार होने पर हरिओम यादव ने शिवपाल सिंह का साथ दिया था। इस पर सपा से उन्हें बर्खास्त कर दिया था।

आगरा में सपा नेता और पूर्व विधायक डा. धर्मपाल सिंह ने भी बुधवार को भाजपा की सदस्यता ले ली।
डा. सिंह 2007 में दयालबाग सीट से जनमोर्चा की टिकट पर चुनाव जीते थे।
इसके बाद 2012 में एत्मादपुर से बसपा की टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए थे।
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सहारनपुर में कांग्रेस विधायक नरेश सैनी भाजपा में शामिल
बेहट विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक हैं।

क्यों छोड़ी पार्टी
सैनी ने कहा कि सीएम योगी और पीएम मोदी के नेतृत्व से प्रभावित होकर उन्होंने भाजपा ज्वाइन की है। ।


मंगलवार, 11 जनवरी 2022

 चुनावी हलचल : शार्टनोट

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मंत्री स्वामी प्रसाद का भाजपा से मोह भंग

विधानसभा चुनाव से की हलचल शुरू ही हुई थी कि मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा छोड़ दी। वह कह रहे हैं कि पार्टी में दलित व पिछड़ों की उपेक्षा हो रही।
दिन में उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की और बाद में त्यागपत्र दे दिया। प्रतापगढ़ निवासी स्वामी प्रसाद मौर्य श्रम एवं सेवायोजन मंत्री का पद संभाल रहे थे, जबकि उनकी बेटी डा. संघमित्रा मौर्य भाजपा से ही बदायूं की सांसद हैं।
इस बीच कानपुर के बिल्हौर और बांदा की तिंदवारी सीट से भाजपा विधायक बृजेश कुमार प्रजापति ने भी इस्तीफा दे दिया। रोशन लाल सहित तीनों ही विधायक मौर्य खेमे के हैं और बसपा से उनके साथ ही भाजपा में आए थे।
स्वामी प्रसाद ने अभी कहा है कि वह दो-तीन दिन में कार्यकर्ता और समर्थकों से विचार-विमर्श के बाद स्पष्ट करेंगे कि किस पार्टी में जाना है, लेकिन घटनाक्रम के साफ संकेत हैं कि वह चारों ही सपा में जाएंगे


बेटी संघमित्रा की आस्था भाजपा में कायम
कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य बदायूं से भाजपा सांसद हैं। उन्होंने कहा कि मैं भाजपा की सांसद हूं और इसी पार्टी में रहूंगी। संगठन के निर्देशानुसार लोगों की सेवा करती रहूंगी।
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पांचों राज्यों का चुनाव संभालना है, खुद चुनाव नहीं लड़ेंगी मायावती

बसपा प्रमुख मायावती इस बार चुनाव मैदान में नहीं उतरने जा रही वह इस समय किसी भी सदन की सदस्य नहीं हैं। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्र भी चुनाव नहीं लड़ेंगे।
मिश्र ने साफ किया कि बसपा प्रमुख मायावती को दूसरे राज्यों में हो रहे चुनाव को भी देखना है। व्यस्ततता के कारण वे और बसपा प्रमुख चुनाव नहीं लड़ेंगे। मिश्र ने कहा कि मायावती की अगुवाई में उत्तर प्रदेश सहित पांचों राज्यों में पार्टी का चुनावी अभियान चलेगा।
वर्ष 2007 में मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाली मायावती चुनाव मैदान में नहीं उतरी थी। इसी तरह वर्ष 2012 में अखिलेश यादव भी विधानसभा का सदस्य बने बिना मुख्यमंत्री बने थे। वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ भी विधानसभा का चुनाव लड़े बिना ही मुख्यमंत्री बने थे। सभी उच्च सदन यानि विधान परिषद के सदस्य बन कर पांच वर्ष तक मुख्यमंत्री बने रहे।


यूपी चुनाव में अभी क्या चल रहा?  पढ़ें-

वे हवाओं के सहारे चिराग जलाएंगे...हम मशाल...


 

पढ़ें-चुनाव के लिए कितने तैयार हैं हम...

 

 यूपी में सात चरण में मतदान


पांच राज्यों का विधानसभा चुनाव कार्यक्रम घोषित, 10 मार्च को होगी मतगणना


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जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट के बढ़ते प्रसार के बीच ही चुनाव आयोग ने समय से चुनाव कराने की दिशा में तिथियों की घोषणा तो कर दी हैं, लेकिन पूरी सतर्कता और हिदायत के साथ। घोषणा के साथ ही चुनावी राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में हर दल की सभाओं व रैलियों पर रोक लग गई है। 15 जनवरी को आयोग फिर से तय करेगा कि चुनाव प्रचार का तौर तरीका क्या होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने घोषणा करते हुए कहा कि पहले चरण के मतदान की शुरुआत 10 फरवरी से होगी और सात मार्च को आखिरी यानी सातवें चरण में वोट पड़ेंगे। सभी राज्यों के परिणाम 10 मार्च को आएंगे। उत्तर प्रदेश में सात, मणिपुर में दो और पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक चरण में मतदान होगा।

कुछ दिन पहले ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने संकेत दिए थे कि चुनाव समय से होंगे और सभी दल यही चाहते हैं। शनिवार को घोषणा करते हुए उन्होंने कोरोना संकट के बीच चुनाव कराने को चुनौतीपूर्ण तो माना, लेकिन कहा कि संविधान के तहत इन राज्यों के चुनाव को टाला नहीं जा सकता है। कोरोना गाइडलाइन और सतर्कता के बीच इन चुनावों को कराने का फैसला लिया गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव की घोषणा से पहले किन-किन चीजों को ध्यान में रखा गया है, खासकर चुनावी राज्यों में संक्रमण दर क्या है। इसके साथ ही चुनावी राज्यों की वैक्सीनेशन दर को ध्यान में रखा गया है। राज्यों से इसे तेज करने के लिए भी कहा गया था। यही वजह है कि चुनावी राज्यों में मौजूदा समय में वैक्सीनेशन की दर संतोषजनक है। गोवा में 95 प्रतिशत लोग वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं, जबकि उत्तराखंड में 99 प्रतिशत से ज्यादा लोग वैक्सीन की पहली डोज और 83 प्रतिशत लोग दोनों डोज ले चुके हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश में भी 90 प्रतिशत लोग वैक्सीन की पहली डोज ले चुके हैं, जबकि 52 प्रतिशत लोग दोनों डोज ले चुके हैं। पंजाब में 82 प्रतिशत लोग वैक्सीन की पहली डोज ले चुके है, जबकि 46 प्रतिशत ने दूसरी डोज भी ले ली है। मणिपुर में भी 57 प्रतिशत लोग वैक्सीन की पहली और 43 प्रतिशत दूसरी डोज भी ले चुके हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ इस मौके पर सहयोगी चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडेय भी मौजूद थे।

कोरोना संकटकाल में चुनाव कराने से जुड़े एक सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनावों के दौरान सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है। यही वजह है कि 80 साल या उससे ज्यादा उम्र के मतदाताओं, विकलांग व कोरोना से पीड़ित मतदाताओं को घर बैठे ही पोस्टल बैलेट के जरिये मतदान का विकल्प दिया गया है। इसके साथ ही चुनाव के समय में एक घंटे की बढ़ोतरी की गई है। लोगों शारीरिक दूरी की ध्यान रखते हुए मतदान कर सकेंगे। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रलय की ओर से जारी कोरोना प्रोटोकाल का भी कड़ाई से सभी मतदान केंद्रों पर पालन किया जाएगा। लोगों को भीड़भाड़ से बचाने के लिए सभी राज्यों में मतदान केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई गई है। साथ ही कोरोना के संक्रमण पर विशेषज्ञों के साथ संपर्क में है। चंद्रा ने कहा कि आगे की स्थितियों को देखते हुए जो भी कड़े निर्णय लेने होंगे वे लिए जाएंगे। वर्ष 2017 में इन पांच राज्यों के चुनाव की घोषणा उस साल चार जनवरी को की गई थी।